उत्तराखंड के बागेश्वर समेत कई ऊंचाई वाले इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है, जिससे हिमालय की रौनक लौट आई है। बागेश्वर के कपकोट में भारी बर्फबारी और कौसानी में हल्की ओलावृष्टि दर्ज की गई, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड बढ़ गई है।
बागेश्वर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी
सोमवार और मंगलवार को बागेश्वर के ऊंचाई वाले इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई। स्थानीय निवासी धीरज ने बताया कि मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ है। कपकोट के मल्ला दानपुर, सरयू घाटी, पिंडर घाटी और बिचला दानपुर जैसे गांवों में सुबह और रात के समय भारी बर्फबारी देखी गई। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने बताया कि संवेदनशील 20 सड़कों पर जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं और सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बागेश्वर में कहां हुई है बर्फबारी
बागेश्वर के कपकोट में मिकिलाखलपट्टा, वैछम, सूपी, झूनी, पेटी, चौड़ास्थल, कीमू, कर्मी, विनायक, बघर, धूर, सोराग, डौला, बदियाकोट, हरकोट, जांतोली, किलपारा, कुंवारी, बोरलबड़ी, वाछम, गोगिना, लीती, शामा, खलझूनी, और तरसाल जैसे गांवों में बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के बाद इन क्षेत्रों का तापमान काफी गिर गया है, जिससे गांवों की चमक और अधिक बढ़ गई है। कपकोट के निचले हिस्सों, कांडा और दुगनाकुरी में हल्की बारिश भी हुई, जबकि जिला मुख्यालय में दिनभर बादल छाए रहे।
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कृषि पर बर्फबारी का असर
बर्फबारी से ऊंचाई वाले इलाकों के किसानों को भी राहत मिली है। सिटरस फलों की अच्छी पैदावार के लिए यह बर्फबारी लाभकारी मानी जा रही है। कृषि विज्ञान केंद्र काफलीगैर के वैज्ञानिक डॉ. कमल कुमार पांडेय ने बताया कि बर्फबारी से फलों को पर्याप्त नमी मिलेगी, जिससे उनका रस और स्वाद बेहतर होगा। हालांकि, कीवी उत्पादकों को जल्द से जल्द फसल तोड़ने की सलाह दी गई है, क्योंकि अधिक बर्फबारी से कीवी के फलों के ठोस होने का खतरा है। इस बर्फबारी से जहां पर्यटक रोमांचित हैं, वहीं स्थानीय लोगों ने भी ठंड से निपटने के लिए पहले से ही तैयारियां कर ली हैं।
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