हल्द्वानी: कुमाऊं आयुक्त एवं मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने बुधवार को हल्द्वानी शहर के विभिन्न स्थानों पर सड़कों और फायर हाइड्रेंट का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने सड़कों के गड्ढों और अधूरे निर्माण कार्यों को लेकर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए।
सड़कों की स्थिति का जायजा
आयुक्त दीपक रावत ने सबसे पहले डहरिया स्थित सत्यलोक कॉलोनी का निरीक्षण किया। सड़क पर गड्ढे मिलने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई और अधिकारियों को जल्द से जल्द गड्ढे भरने के निर्देश दिए। इसके बाद वह न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पहुंचे, जहां गलियों के मोड़ों पर गड्ढे पाए गए। उन्होंने नगर आयुक्त विशाल मिश्रा को तुरंत मरम्मत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।
आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जल संस्थान या जल निगम द्वारा पेयजल या सीवर लाइन बिछाने के बाद सड़कों की मरम्मत तुरंत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी नागरिक को पेयजल कनेक्शन के लिए सड़क खुदवानी पड़े, तो उससे मरम्मत शुल्क लिया जाए।
गल्ला मंडी क्षेत्र का निरीक्षण
गल्ला मंडी के पास 120 मीटर लंबाई की सड़क का निर्माण ग्रामीण निर्माण विभाग को 4.80 लाख रुपये की लागत से करना था, लेकिन कार्य अधूरा पाया गया। इस पर कुमाऊं आयुक्त ने राजस्व की बर्बादी बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
फायर हाइड्रेंट की स्थिति पर नाराजगी
आयुक्त रावत ने नया बाजार क्षेत्र में आग लगने से जली दुकानों का निरीक्षण किया और फायर हाइड्रेंट की जांच की। जल संस्थान कर्मी ने हाइड्रेंट चालू किया, लेकिन पानी का प्रेशर पर्याप्त नहीं था। अग्निशमन अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि आग लगने की सूचना के करीब एक घंटे बाद हाइड्रेंट में पानी आया, जिससे केवल एक फायर टेंडर भर पाया गया। बाकी गाड़ियों को मंडी के पास के हाइड्रेंट से पानी भरना पड़ा।
आयुक्त ने जल संस्थान और अग्निशमन विभाग को फायर हाइड्रेंट की तकनीकी कमियों की लिखित रिपोर्ट देने के निर्देश दिए और आवश्यक बजट प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि गर्मी के मौसम से पहले सभी हाइड्रेंट की जांच की जाए ताकि किसी भी अग्निकांड की स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके।
अधिकारियों की उपस्थिति
इस निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, मंडी बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अनिल कपूर डब्बू, सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, उप नगर आयुक्त तुषार सैनी, लोनिवि ईई अशोक चौधरी, जल संस्थान ईई रवि शंकर लोशाली समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।