मंडुआ का आटा

मंडुआ का आटा

मंडुआ का आटा: उत्तराखंड का अनमोल उपहार

मंडुआ का आटा (ragi flour) उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे अंग्रेजी में फिंगर मिलेट या रागी कहा जाता है। यह आटा अपने पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। पहाड़ी इलाकों में इसे बड़े पैमाने पर उगाया जाता है और वहां के लोगों के आहार का मुख्य हिस्सा माना जाता है।

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मंडुआ क्या है?

मंडुआ का आटा एक प्रकार का मोटा अनाज है, जो अपनी कठोरता और सूखा सहन करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। यह छोटे काले या भूरे रंग के बीजों से बना होता है, जिनसे मंडुआ का आटा तैयार किया जाता है। मंडुआ का आटा पूरी तरह से ग्लूटेन-फ्री होता है, इसलिए यह ग्लूटेन संवेदनशीलता से पीड़ित लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

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मंडुवे को तैयार करने की विधि

उत्तराखंड की प्रमुख खेती में से एक है मडुवे की खेती जिसे पहाड़ी लोग माह अप्रैल से बोना शुरू कर देते है। इसकी फसल होने में 4-6 महीने का समय लग जाता है। इसकी खेती के लिए हमेशा से पहाड़ की महिलाओ को इसका भरपूर सहयोग जाता है जो इसे बरसात के मौसम में इन्ही खेतों में दिन भर नीलाई-गोड़ाई का कार्य करती है। माह सितम्बर-ओक्टुबर में मडुआ पकने लग जाता है तब लोग इसको खेतों से निकाल कर धूप वाली जगह पर काफी दिनों तक रखा जाता है। जब धूप से बीज अलग अलग होने लगते है तब बैलो के पैरो से इनके सारे बीजो को अलग किया जाता है। उसके बाद भी मडुवे के बीज को काफी दिनों तक धूप में ही रखते है ताकि इसके बीज को आटा बनाने में कोई दिक्कत ना हो।

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मंडुआ का आटा कैसे बनाएं?

मंडुआ का आटा बनाने के लिए मंडुआ के बीजों को पहले साफ किया जाता है और फिर इन्हें पीसकर आटा तैयार किया जाता है। इस आटे को ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर किया जाना चाहिए ताकि यह लंबे समय तक ताजा बना रहे।

मंडुआ के पोषक तत्व

मंडुआ का आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें आयरन, कैल्शियम, फाइबर, और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। मंडुआ में पाया जाने वाला कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जबकि आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। इसके अलावा, मंडुआ का आटा फाइबर से भरपूर होता है, यह पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है और कब्ज से राहत दिलाता है।

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मंडुआ के स्वास्थ्य लाभ

  1. मधुमेह नियंत्रण: मंडुआ का आटा ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। मधुमेह के मरीजों के लिए यह एक उपयुक्त विकल्प है।
  2. वजन घटाने में मददगार: मंडुआ का आटा फाइबर से भरपूर होता है, जिससे यह लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है और अधिक खाने से बचाता है। यह वजन घटाने में सहायक होता है।
  3. हड्डियों को मजबूत बनाना: मंडुआ में कैल्शियम की उच्च मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है।
  4. पाचन में सुधार: मंडुआ का आटा पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है और आंतों को स्वस्थ रखता है।

मंडुआ के आटे से बने व्यंजन

मंडुआ का आटा विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। उत्तराखंड में इसे मुख्य रूप से रोटी, पूरी, और हलवा बनाने में प्रयोग किया जाता है। मंडुआ की रोटी स्वादिष्ट होती है और इसे गढ़वाल और कुमाऊं के लोग अपने भोजन में शामिल करते हैं। इसके अलावा, मंडुआ का हलवा भी बहुत लोकप्रिय है, जो त्योहारों और विशेष अवसरों पर बनाया जाता है।

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निष्कर्ष

मंडुआ का आटा स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है और इसे नियमित आहार में शामिल करना शरीर को मजबूत और स्वस्थ रखता है। उत्तराखंड की इस अनमोल धरोहर को न केवल पहाड़ी क्षेत्रों में बल्कि देशभर में अपनाया जाना चाहिए।

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