Pahari Bhatt Dal Recipe: देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में उत्तराखंड का पारम्परिक खानपान मशहूर होने लगा है। यहाँ के व्यंजन लोंगो को खूब पसंद आ रहा है। इन्ही में से भट्ट की दाल जिसे लोग पहाड़ो में आकर खूब डिमांड कर रहे है। यह खाने में ही नहीं बल्कि शरीर के लिए भी बेहद गुणकारी होता है। इसे स्थानीय भाषा में ‘चुड़कानी’ भी कहा जाता है।
भट्ट की दाल को खाने के फायदे
काले भट्ट की दाल स्वाद में बेमिसाल होती है। इसे बनाने के लिए खासतौर पर लोहे की कड़ाही, चूल्हे की आग, और सिलबट्टे में पिसे मसालों का उपयोग किया जाता है। इसको खाने के कई फायदे होते है।
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- कई शोधकर्ताओ का कहना है कि इससे मेमोरी पॉवर बढती है ।
- हाई ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए यह रामबाण है।
- इसमें विटामिनो की भरमार होती है,जो शरीर के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं. बिटामिन बी 1, बी 2, बी 3, बी 5 और बी 6 मौजूद होते हैं।
भट्ट की दाल बनाने का पहाड़ी तरीका
सामग्री:
- 1 कप काले भट्ट के दाने
- 2 चम्मच घी
- ½ चम्मच जीरा
- 1 चम्मच गेहूं का आटा
- 1 मध्यम आकार का प्याज (बारीक कटा हुआ)
- 2-3 लहसुन की कलियां (कटी हुई)
- 1 टमाटर (बारीक कटा हुआ)
- ½ चम्मच हल्दी पाउडर
- ½ चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- ½ चम्मच गरम मसाला पाउडर
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- नमक स्वादानुसार
- 2 कप पानी
विधि:
- पहले लोहे की कढाही को चूल्हे में गर्म करने को रखे फिर 2 चम्मच घी डाले। फिर जीरे का तड़का लगाएं।
- जब जीरा चटकने लगे, तो इसमें भट्ट के दाने डालकर भून लें। भट्ट के दाने भुनते समय इनका छिलका अलग होने लगेगा।
- अब इसमें गेहूं का आटा डालें और हल्का भूनें। यह दाल को गाढ़ा और स्वादिष्ट बनाएगा।
- एक अन्य बर्तन में तड़का तैयार करें। इसके लिए प्याज, लहसुन, टमाटर, हल्दी, लाल मिर्च, गरम मसाला, धनिया पाउडर और नमक डालकर भूनें।
- तड़के को भट्ट की दाल में डाल दें।
- 2 कप पानी डालकर धीमी आंच पर 10 मिनट तक पकने दें।
- आपकी भट्ट की दाल तैयार है। इसे चावल या रोटी के साथ परोसें।
भट्ट की दाल के बिना पहाड़ी थाली अधूरी
कुमाऊं क्षेत्र में भट्ट की दाल का विशेष स्थान है। इसे उत्तराखंड की पारंपरिक पहाड़ी थाली का अहम हिस्सा माना जाता है। इस दाल के बिना थाली को अधूरा समझा जाता है।
स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
भट्ट की दाल न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि सर्दियों में गर्म तासीर देने का काम करती है। यह आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है और स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में यह दाल भरपूर मात्रा में उगाई जाती है।
शहरों में भी लोकप्रिय
भट्ट की दाल अब शहरों में भी बिकने लगी है और बाहरी राज्यों के लोग भी इसे खूब पसंद कर रहे हैं। सर्दियों के मौसम में इसे अधिक खाया जाता है, क्योंकि यह शरीर को गर्म रखती है।
इस अनोखी और पारंपरिक दाल की रेसिपी को आप भी घर पर आजमाएं और अपने मेहमानों को लाजवाब स्वाद का अनुभव कराएं।
यह लेख “Pahadi Suvidha“ पर प्रस्तुत किया गया है। उत्तराखंड की संस्कृति और पारंपरिक व्यंजनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करें।