pahadi mushroom

पहाड़ों में पाया जाने वाला पहाड़ी मशरूम(च्यू) || Pahadi Mushroom (Chnyu)

Pahadi Mushroom: उत्तराखंड के पहाड़ो पर उगने से पहाड़ी लोग मशरूम को अपनी भाषा में च्न्यू भी बोलते है हालाँकि यह कई जगहों पर भी मिल जाता है लेकिन यहाँ कि बोली भाषा से इसे च्न्यू नाम से भी जाना जाता हैचलिए विस्तार से जानते है पहाड़ी मशरूम (च्न्यू) के बारे में

पहाड़ो पर बरसातो का मौसम शुरू हो चुका है, यंहा के लोंगो के लिए थोडा सा परेशानी वाला मौसम होता है क्यूंकि बरसात में कई काम काज रुक जाते हैपर देखा जाय तो बरसात का मौसम सबसे बढ़िया रहता है वो इसलिए कि बरसतो में पहाड़ो पर कई पेड़-पौधों को पनपने में मदद मिल जाती है, बल्कि पेड़-पौधे से अलग जानवरों को भी राहत मिल जाती है

कुछ ऐसे पेड़ पौधे जो सिर्फ इसी मौसम में उगते है, जिनमे हमने पहले आर्टिकल में आप लोगो को बताया थालिंगुडा सब्जी सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में ही उगता है, साथ ही ऐसा ही एक पौधा है जिसे मसरूम कहा जाता है

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मसरूम भी पहाड़ो पर लिंगुडा सब्जी की तरह अपने आप उगता है इसकी खासियत यह है कि ये बरसात में जब बिजली कड़कती है और उसके अगले दिन हलकी धूप निकलती है इसका निकलना शुरू हो जाता है। पहाड़ो पर मशरूम का मिलाना भी आम बात है। बता दे आपको कि मशरूम कई तरीके के मिलते है

Pahadi Mushroom

पहाड़ी मशरूम (च्न्यू) के औषधीय गुण ||Medicinal Properties of Pahadi Mushroom (chnu)

आयुर्वेद में मशरूम को बेहद  स्वास्थ्य लाभ से परिपूर्ण माना गया है। ये पोटेशियम, विटामिन और आयरन में समृद्ध हैं। यह कई बी-विटामिनों के अलावा विटामिन डी का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो कि हमारे शरीर के लिए कई बीमारियों से बचा जा सकता है। इसमे एंटीऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में मिलाता है, जो हृदय रोगों और मधुमेह सहित स्वास्थ्य के मुद्दों को रोकता है। कई लोग  भिन्न-भिन्न तरह की जड़ीबूटियों को बनाने में भी इस्तेमाल करते है। विशेषज्ञो कि माने तो हड्डियों के विकास के लिए बेहतर माना गया है जो कि साथ ही मष्तिक को शांत करने में भी मदद करता हैजो लोग मोटापे से परेशान रहते है वे लोग भी इसे खा सकते हैं। क्यूंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट, आवश्यक खनिजों और विटामिन के साथ संपन्न हैं। 

बरसात का मौसम और पहाड़ी मशरूम

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रो में बरसात का मौसम ऐसा समय होता है जब प्रकृति नई ऊर्जा और हरियाली से भर जाती है। लेकिन इस मौसम में स्थानीय लोगों चुनौतियाँ होती हैं, जैसे कि खेतों में काम का ठप हो जाना, लेकिन यह एक प्रकृति का अद्भुद उपहारों की झडिया लगा देती है। उनमे से बरसात के दौरान कई जड़ी-बूटियाँ, सब्जियाँ और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ उगते हैं, जिनमें से एक है मशरूम।

Pahadi Mushroom

क्या पहाड़ी मशरूम कई तरह के होते है  || Are there different types of Pahadi Mushrooms?

जी हां पहाड़ी मशरूम पहाड़ो पर कई तरह के होते है अलग-अलग रंगों से लेकर अलग-अलग बनावट तक, जिसे पहचाना काफी मुश्किल होता हैसही पहचान वाले ही इसका चयन कर सकते है हालंकि कुछ लोग बेमौसम भी मसरूम उगा देते है लेकिन इस मशरूम की बात ही अलग हैये खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना शरीर में रोंगों से लड़ने कि क्षमता रखता हैपहाड़ी मशरूम निम्न प्रकार के होते है

  • हल्द्या च्न्यू
  • पिरुल्या च्न्यू
  • अंगुल्या च्न्यू
  • तिल च्न्यू
  • घनाघोर

Pahadi Mushroom

पहाड़ी मशरूम के औषधीय गुण

आयुर्वेद में मशरूम को स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी माना गया है। यह पोटेशियम, आयरन और विटामिन्स जैसे बी-विटामिन और विटामिन डी का समृद्ध स्रोत है। इसके औषधीय गुण निम्नलिखित हैं:

  1. हृदय और मधुमेह के लिए फायदेमंद: मशरूम में एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हृदय रोगों और मधुमेह जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करते हैं।
  2. हड्डियों और मस्तिष्क के लिए उपयोगी: विशेषज्ञों का मानना है कि मशरूम हड्डियों के विकास में सहायक है और मस्तिष्क को शांत करने में मदद करता है।
  3. मोटापे को कम करने में सहायक: वजन घटाने के लिए मशरूम का सेवन फायदेमंद है क्योंकि इसमें आवश्यक खनिज और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं। इससे वजन में कंट्रोल बना रहता है।
  4. प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: पहाड़ी मशरूम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक उत्कृष्ट खाद्य पदार्थ है।
  5. खून को बढ़ाने में मदद: पहाड़ी मशरूम में फॉलिक एसिड और आयरन खूब मिलाता है जो कि शरीर में खून की कमी को दूर करता है। और साथ में हीमोग्लोबिन को भी बढ़ता है।

पहाड़ी मशरूम की पहचान और सावधानियाँ

पहाड़ी मशरूम की पहचान करना आसान नहीं है। कुछ मशरूम जहरीले हो सकते हैं, इसलिए केवल अनुभवी लोग अपने साथ जंगल में ले जाए। क्यूंकि इसका पौधा ज्यादातर बांज, बुराश और चीड के जंगलो में ज्यादा मात्रा में उगता है। कुछ शोधकर्ताओ ने कुछ मशरूम की चाय बनाना शुरू कर दिया दिया है, जो पीने में स्वादिष्ट तो होती ही है परन्तु स्वास्थ के लिए भी लाभकारी होता है।

पुराने ज़माने में बुजुर्ग लोग इसका उपयोग खाने में खूब किया करते थे। उन दिनों गाँवों के लोग जंगलो में जाके मशरूम को खूब पहचान कर खाया करते थे। हलाकि इसकी खेती के बारे में कभी भी ग्रामीणों ने नहीं सोचा क्यूंकि बाजार और गाँव में उगी मशरूम अलग ही होती है। यह खाने से लेकर पौष्टिकता से भी अलग होता है।  बस इसका चुनाव करना बेहद जरूरी है।

पहाड़ी मशरूम का उपयोग

  1. खाद्य पदार्थ: पहाड़ी मशरूम को कई तरह के व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। इसे सब्जी, सूप और अचार के रूप में खाया जा सकता है।
  2. औषधि: आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में इसका उपयोग जड़ी-बूटियों के साथ औषधि बनाने में किया जाता है।
  3. पोषण: यह पोषक तत्वों से भरपूर है, इसलिए इसे विशेष आहार में शामिल किया जाता है।

निष्कर्ष

पहाड़ी मशरूम (च्न्यू) उत्तराखंड के प्राकृतिक खजाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके औषधीय और पोषण संबंधी गुण इसे एक अद्वितीय खाद्य पदार्थ बनाते हैं। यदि आप उत्तराखंड के पहाड़ों में कभी जाएँ, तो पहाड़ी मशरूम का स्वाद जरूर चखें और इसके स्वास्थ्य लाभों का अनुभव करें।

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दोस्तों आपको ये लेख कैसा लगा अगर आपको यह नयी जानकारी लगी हो शेयर व कमेंट जरूर करे। इसमें आप लोग कौन से च्न्यु को जानते हो ! जो आप जानते हो पहाड़ी सुविधा के साथ उस च्न्यु के बारे में साँझा करे।


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